Monday, October 24, 2022

कबीर

 दुरबल को न सताइये, जाकी मोटी हाय

मुई खाल की सांस से, लोह भसम होई जाय


दुर्बलास तू नको सतावू, न घे तयाची हाय

मृत चामड्याच्या श्वासाने लोह लयाला जाय

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